Class-11 physical education ch-1 notes "changing trends and career in physical education"
अध्याय - 1
“शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर "
मुख्य बिन्दु :
1.1 शारीरिक शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा
1.2 शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य एवं उद्देश्य
1.3 शारीरिक शिक्षा में कैरियर विकल्प
1.4 विभिन्न खेल प्रतियोगिता राष्ट्रीय एवं अर्तराष्ट्रीय स्तर पर
1.5 खेलों भारत कार्यक्रम (खेलों इण्डिया प्रोग्राम)
परिभाषा :-
जैसा हम जानते हैं कि- शारीरिक शिक्षा, शिक्षा का वह भाग है, जिसमें हम स्वास्थ्य, खेल, खिलाड़ी, टूर्नामेंट, पोषण, चोट, शरीर व इसमें समाहित मस्तिष्क आर्गन, आत्मा आदि का अध्ययन करते हैं।
आधुनिक युग में शारीरिक शिक्षा को परिभाषित करने वाली परिभाषा निम्न है :
⇒ शारीरिक शिक्षा एक प्रक्रिया है जिसमें हर एक व्यक्ति उत्तम शारीरिक, मानसिक, सामाजिक कौशल एवं पुष्टि, शारीरिक क्रियाओं के द्वारा प्राप्त करता है। -ल्युमपकिन
शारीरिक शिक्षा एक शिक्षा है। यह एक बालक के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए शारीरिक क्रियाओं द्वारा शिक्षित की जाती है जिसमें व्यक्ति शारीरिक, मानसिक व आत्मिक पूर्णता प्राप्त करता है। - शारीरिक शिक्षा और मनोरंजन की राष्ट्रीय योजना
1.2 लक्ष्य :
व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना।
उद्देश्य :-
लक्ष्य (Aim) मूलभूत आखिरी उद्देश्य है एवं ( उद्देश्य) कहलाता है जो मूलभूत लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक है। - सामान्य, सूक्ष्म लक्ष्य शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य (सर्वांगीण विकास) को प्राप्त करने के सूक्ष्य लक्ष्य / चरण निम्न प्रकार है :-
(1) शारीरिक विकास
(2) मानसिक विकास
(3) सामाजिक विकास
(4) भावनात्मक विकास
(5) अध्यात्मिक विकास
(1) शारीरिक विकास - शारीरिक शिक्षा हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है जिससे हम मजबूत, स्वस्थ्य, भार, पुष्टि शक्ति, गति, लचक, सहनक्षमता, समन्वय के साथ हमारे सारे आर्गन सही तरीके से कार्य करती है।
(2) मानसिक विकास :- सावधानी, ध्यान, रणनीति खेलों का हिस्सा है। जैसा हम जानते हैं। शारीरिक शिक्षा में पढ़ाई के साथ-साथ क्रियात्मक का भी ज्ञान आवश्यक है जिससे बुद्धि, विश्लेषण, हार्मोन जैसे डोपामिन (Dopamine) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
(3) सामाजिक तालमेल :- मुकाबला व तालमेल खेलों का मुख्य बिंदु है जिससे अनुशासन, ईमानदारी समाजीकरण, नेतृत्व जैसे गुणों का एक व्यक्ति में समावेश होता है।
(4) भावनात्मक स्थिरता :- हार-जीत, खुशी, धैर्य, आक्रमण, प्रेम, गिरना उठना इत्यादि । शारीरिक शिक्षा में ये सभी समाहित है। शारीरिक शिक्षा से व्यक्ति में स्थिरता व असल जिंदगी में आने वाले उतार-चढ़ाव में सकारात्मक व स्थिर रहने की क्षमता विकसित होती है।
(5) अध्यात्मिक विकास -प्रकृति से लगाव, प्रकृति के नियमों के अनुसार कार्य करना, माफी देना, माफी मांगना, शान्ति व संतोष के साथ शिष्टाचार के साथ रहना इत्यादि । शारीरिक शिक्षा के द्वारा उपरोक्त सभी सकारात्मक प्रभावित होते हैं।
1.3 शारीरिक शिक्षा में कैरियर विकल्प :-
हालांकि सभी पेशे / कॅरियर हमारे स्वास्थ्य (शारीरिक शिक्षा का उपभाग) पर निर्भर है।
फिर भी बहुत सारे कैरियर जैसे अध्यापन, कोच, खिलाड़ी, आफिशियल (रैफरी, अम्पायर), प्रबन्धक, तकनीक वैज्ञानिक उपकरण तकनीकज्ञ, फिटनेस, सुयोग्यता इत्यादि प्रत्यक्ष तौर पर व अप्रत्यक्ष तौर पर सह-ऊर्जा के रूप में फिजियोथैरेपी, डिफेंस, मेडिशन इत्यादि प्रभावित होते हैं। इसके साथ-साथ खेल कोटे से मिनिस्ट्रियल व नॉन-मिनिस्ट्रियल स्टाफ में भी भर्तियों का प्रावधान है। उनके साथ-साथ अनेक स्टार्ट-अप पेशे भी शारीरिक शिक्षा से जुड़ते जा रहे हैं। आधुनिक युग में लीग खेल प्रशिक्षक, सहयोगी " खिलाड़ी प्रबन्धन व दूसरे देशों की टीमों को प्रशिक्षण शामिल है। उदाहरण के तौर पर ईरान की महिला कबड्डी टीम जिसने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है उनके प्रशिक्षक के रूप में एक भारतीय कोच ने सेवाएं दी हैं।
अनुदेशक, अध्यापक , कोच
प्रवक्ता , प्रोफेसर, शोधार्थी
डायरेक्टर, सुपरवाईजर
प्रशिक्षक , खेल वैज्ञानिक
मैदान कर्मचारी , प्रतिभा शिनाख्त कोच
मनोवैज्ञानिक (खेल) कोच, फिटनेस प्रशिक्षक
सुयोग्यता प्रशिक्षक , योग गुरु
भार नियंत्रण प्रशिक्षक , एरोबिक्स कोच
खिलाड़ी , रैफरी , अम्पायर
खेल जज , प्रशिक्षण सहयोगी
विवरण प्रसारक ,पत्रकार
लेखक , स्कोरर
उपकरण रूपकार तकनीकी हेड
तकनीकी सहायक , जैव- यांत्रिकी विश्लेषक
खेल प्रयोगशाला स्टाफ
1.4 राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेलों में प्रतियोगिता :-
खेलों में टूर्नामेंट व टूर्नामेंट का खेलों में व व्यक्तित्व में अहम योगदान है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जैसे- ओलम्पिक, विश्व खेल, विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप एशियाई खेल, कॉमनवेल्थ खेल, सैफ खेल, एशियाई चैंपियनशिप इत्यादि अनेक प्रतियोगिताएँ हैं वही राष्ट्रीय स्तर पर भी नेशनल गेम्स, सीनियर, जूनियर कैडेड / सब-जूनियर नेशनल चैंपियनशिप, स्कूल नेशनल अंतर विद्यालय, ऑल इंडिया पुलिस एवं सिविल सेवा गेम्स निरंतर प्रतियोगिताएँ होती है। अंतर्राष्ट्रीय लीग जिसमें विभिन्न देशों के खिलाड़ी एक टीम में खेलते हैं आज के आधुनिक युग में इनका भी चलन है जिसमें मुख्य आई०पी०एल० (क्रिकेट). आई०एस०एल० (फुटबाल) कबड्डी प्रीमियर लीग, इंग्लिश प्रीमियर लीग, ला- लीगा, स्पेनिश लीग है। कुछ टुर्नामेंट अलग-अलग खेलों में किसी खास नाम से भी आयोजित होते हैं जैसे गावस्कर-बोर्डर ट्राफी, सैयद मुस्ताक कप, रणजी ट्राफी (क्रिकेट), संतोष ट्राफी, सुब्रतो कप (फुटबाल), अजलान शाह कप (हाकी), उबर व थॉमस कप (बैटमिंटन), यू०एस० ओपन, विम्बलडन, आस्ट्रेलियन ओपर, फ्रेंच ओपन, डेविस कप (टेनिस) इत्यादि।
1.5 खेलों भारत कार्यक्रम (खेलो इंडिया प्रोग्राम) :
यह राष्ट्रीय स्तर की योजना है। यह भारत सरकार द्वारा साधारणजन की प्रतिभा का मंच है, जो खेलों में अधिक भागीदारी व उत्कृष्टता में बढ़ोतरी के साथ देश में खेलों की संस्कृति का विकास करने का प्लेटफार्म है। यह 2018 में आरंभ हुआ था। इसकी शुरूआत 2018 में दिल्ली में हुई इन खेलों का प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स इत्यादि नेशनल चैनलों पर किया जाता है। खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाऐं व उपकरण मुहय्या करवाए जाते हैं।
नाम में बदलाव: खेलो इंडिया स्कूल गेम्स अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स के नाम से जाने जाते हैं।
वर्ग इसमें अंडर-17 वर्ग व अंडर-21 वर्ग के विद्यार्थी खिलाड़ी भाग लेते हैं। 2020 में शुरू हुए खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों में 17-25 वर्ष की आयु की विद्यार्थी खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।
छात्रवृत्ति प्राथमिक खेल व चयनित खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा की तैयारी के लिए 8 वर्ष तक 5 लाख प्रति वर्ष मिलते हैं।
संस्करण, पद, खेल :
प्रथम संस्करण :- यह संस्करण 31 जनवरी से 8 फरवरी 2018 तक दिल्ली में आयोजित हुए। जहाँ 10 खेल प्रतिस्पर्धा हुई। क्रमश: हरियाणा, महाराष्ट्र व दिल्ली 38, 36. 25 स्वर्ण के साथ विजयी रहे।
दूसरा संस्करण :- पुणे में आयोजित इस संस्करण में महाराष्ट्र, हरियाणा व दिल्ली 85, 82, 48 स्वर्ण पदकों के साथ विजयी रहे। यह खेल त्योहार 09 जनवरी 2019 से 20 जनवरी 2019 तक आयोजित हुए।
तीसरा संस्करण :- 10 जनवरी 2020 से 22 जनवरी 2020 तक गुवाहटी (असम) में आयोजित 20 खेल स्पर्धा के अंतर्गत महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली 78,68 39 स्वर्ण के साथ विजयी रहे।
चौथा संस्करण:- 4th संस्करण जो 2021 में हरियाणा में आयोजित होना है। इसमें चार स्वदेशी खेल मटका, मल्लखम्भ, थांगता एवं कलारी-पटटु पहली बार सम्मलित हुए है।
खेलो इंडिया शीतकालीन खेल :- खेलो इंडिया शीतकालीन खेल लेह एवं गुलमर्ग में आयोजित हुए। 17 खेल स्पर्धा शामिल हुए एवं जम्मू एवं कश्मीर विजेता रहा।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेल: भुवनेश्वर (उढ़ीसा) में आयोजित हुए। 17 खेल स्पर्धाओं में पंजाब यूनिवर्क्युटी चण्डीगढ़ प्रथम, सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी पुणे द्वितीय एवं पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला तृतीय रहे।
विजन :-
देश में खेल संस्कृति का बढ़ाना एवं खेलों में देश की उत्कृष्टता में बढ़ौतरी
मिशन :-
सभी आयु वर्ग में खेलों की बढ़ौतरी बिना किसी लिंग भेदभाव के
- युवाओं व बच्चों का सर्वांगीण विकास
- लिंग समानता
- स्वस्थ जीवन शैली
- खेलों द्वारा राष्ट्रीय गौरव एवं आर्थिक अवसर विकसित करना।
- खेल एकेडमी को बढ़ावा एवं सहायता (कम से कम एक दिव्यांग अकादमी हो)
- ज्यादा से ज्यादा भागीदारी
- खेल उत्कृष्टता में बढ़ौतरी
- राजीव गाँधी खेल अभियान
- शहरी आधारित संरचना स्कीम
- राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज
Thanks
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