Ch-2 Olympic value education notes physical education class 11

  अध्याय 2

भारतीय ओलम्पिक संघ

मुख्य बिन्दु :

2.1 ओलम्पिक्स, पैराओलम्पिक्स और विशेष ओलम्पिक्स

2.2 ओलम्पिक प्रतीक, आदर्श उद्देश्य और मूल्य

2.3 अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ

2.4 भारतीय ओलम्पिक संघ


2.1 ओलम्पिक :

(a) प्राचीन ओलम्पिक :- ये ओलम्पिक 776 बी.सी. में शुरू हुए एवं 394 ए.डी. में रोमन राजा थियोडोसिस-1 के द्वारा बन्द कर दिये गये। ये खेल धार्मिकता के आधार पर यूनान के देवता ज़ीउस (God Zeus) के सम्मान में आयोजित किए जाते थे। सिर्फ यूनानी ही इनमें भाग ले सकते थे। 'कोरिबस मिलो प्रथम विजेता थे। विजेता को पदक के बजाय जैतून (Olive) पेड़ के पत्तों से सम्मानित किया जाता था।

(b) ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक / आधुनिक ओलम्पिक :- ये खेल 1896 ई० में एथेंस (यूनान) में आरम्भ हुए। बैरन पैरी डी कोबरटीन को इनका श्रेय जाता है। 16 जून 1894 पेरिस की गोष्ठी में यह निर्णय लिया गया कि ओलम्पिक खेलों का आयोजन हर चार वर्ष में किया जायेगा। अब तक तीन बार ओलम्पिक खेल रद्द हुए। 1916 (प्रथम विश्वयुद्ध के कारण). 1940, 1944 (द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण) एवं एक बार स्थगित हुए जुलाई 2020 से जुलाई 2021 जिसकी वजह महामारी (वैश्विक) कोरोनावायरस रही। ये खेल टोक्यो (जापान) में जुलाई 2021 में आयोजित हुए। 2024 व 2028 के ओलम्पिक्स पेरिस व न्यूयार्क में प्रस्तावित है। आधुनिक ओलम्पिक खेलों में विजेताओं को स्वर्ण पदक, रजत पदक, कांस्य पदक व डिप्लोमा से सम्मानित किया जाता है। आई.ओ.सी. (IOC) इनका दायित्व व जिम्मेवारी लेती है।

(c) शीतकालीन ओलम्पिक्स: आई.ओ.सी. (IOC) द्वारा आयोजित शीतकालीन खेल बर्फ पर खेले जाते हैं। जैसे- आईस स्केटिंग (Ice Skating), आइस हॉकी (Ice Hockey) ये भी चार वर्ष में आयोजित होते हैं।

(d) यूथ ओलम्पिक्स :- ये ओलम्पिक भी IOC द्वारा आयोजित होते हैं। 2010 सिंगापुर में शुरू हुए थे। ये ओलम्पिक्स हर चार वर्ष के अंतराल में होते हैं। इन खेलों में उम्र सीमा 14-18 वर्ष है। ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन दोनों में यूथ ओलम्पिक्स आयोजित होते हैं।

(e) पैरा ओलम्पिक्स: अंतर्राष्ट्रीय पैरा ओलम्पिक्स समिति (IPC) के अंतर्गत पैरा ओलम्पिक खेल हर चार साल में आयोजित होते हैं। इनका श्रेय सर लुडविंग गटमैन को जाता है। इस मल्टी स्पोर्ट इवेट में दिव्यांग खिलाड़ी भाग लेते हैं। 1948 में लुडविग गटमैन ने इंग्लैंड में पहली बार डिसेबल्ड खिलाड़ियों की आई.पी.सी. (IPC) द्वारा 10 प्रकार के खेल शामिल किए गए हैं। पहले शीतकालीन पैरा-ओलम्पिक्स 1976 में स्वीडन में आयोजित हुए।


(1) स्पेशल ओलम्पिक्स :-  अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) द्वारा आयोजित होने वाले ये खेल भी चार वर्ष के अंतराल में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए आयोजित होते हैं। इन विशेष ओलम्पिक का श्रेय कैनेडी श्राइवर को जाता है। कैनेडी श्राइवर यू.एस. राष्ट्रपति जान एफ कैनेडी की बहन थी। ये खेल 1968 में शुरू हुए थे। 172 देशों के 50 लाख खिलाड़ियों को मुकाबले व प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ विश्वभर में एक लाख जगह आयोजित होते हैं।


2.2 ओलम्पिक प्रतीक, ध्वज, आदर्श, उद्देश्य और मूल्य

ओलम्पिक प्रतीक :- ओलम्पिक चार्टर के अनुसार ओलम्पिक प्रतीक को इस प्रकार परिभाषित किया गया है। ओलम्पिक प्रतीक में समान आयाम के पाँच इंटर लिंक्ड रिंग होते हैं जो कि एक या पाँच अलग-अलग रंगों में उपयोग किये जाते हैं। जब ये पाँच रंग वाले संस्करण में उपयोग किए जाते हैं तो ये रंग बाएँ से दाएँ- नीले, पीले, काले, हरे और लाल रंग होते हैं। नीला, काला और लाल रंग ऊपर व नीला और हरा रंग नीचे स्थित होते हैं। ओलम्पिक प्रतीक ओलम्पिक आंदोलन की गतिविधि पाँच महाद्वीपों की एकता व ओलम्पिक खेलों में दुनियाभर के एथलीटों के मिलन का प्रतिनिधित्व करता है।

ओलम्पिक चार्टर के अनुसार रंगों के रिंग किसी अकेले महाद्वीप का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं (जैसे लाल रंग अमेरिका इत्यादि)। ओलम्पिक चार्टर में ऐसा कुछ नहीं लिखा गया।

ओलम्पिक ध्वज: ओलम्पिक प्रतीक को ही ओलम्पिक ध्वज की मान्यता है, ओलम्पिक ध्वज में पाँचों रिंगों के नीचे सिटीयस आल्टीयस, फोर्टियस और टुगेदर जिसका अनुवाद तेज, ऊँचा, ताकतवर और एकसाथ है जो पहली बार 1920 एंटवर्प ओलम्पिक में फहराया गया। 1913 में बैरन डी. कुटिन द्वारा सुझाया गया एवं टोक्यो ओलम्पिक्स में इसका संशोधन किया गया। जिसमें टूगेदर शब्द जोड़ा गया।


ओलम्पिक आदर्श :

1. शारीरिक, मानसिक व इच्छाशक्ति गुणों का संतुलन।

2. मानव जाति में मधुरता का विकास, मानव प्रतिष्ठा के संरक्षण के साथ सामाजिक उत्थान।

3. खेलना व खेल मनुष्य का अधिकार है। हर एक के लिए खेलों व खेल प्रशिक्षण तक पहुँच।

4. जाति, रंग, लिंग, भाषा, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव न होकर खेलों का आनंद लेना।


ओलम्पिक उद्देश्य :


ओलम्पिक आन्दोलन का उद्देश्य :- जिसमें खेल अभ्यास के द्वारा युवकों को शिक्षित करना है जिससे वे वैश्विक शांति एवं बेहतर विश्व बनाने में योगदान दे सके बिना किसी भेदभाव व ओलम्पिक भावना के साथ इनके साथ आपसी समझ मित्रता, एकता, न्यायपूर्ण व्यवहार ( निष्पक्ष खेल) भी ओलम्पिक आन्दोलन का उद्देश्य है।

ओलम्पिक मूल्य :

• श्रेष्ठता
• आदर
• मित्रता

• श्रेष्ठता : - खेल में व पेशेवर जिंदगी में सर्वोत्तम करना महत्वपूर्ण विजय होना नहीं, अपितु संघर्ष होता है। शारीरिक, मानसिक व इच्छाशक्ति के स्वस्थ संयोजन का आनंद लेना ।

•  आदर : आत्मसम्मान, दूसरों का आदर, प्राकृतिक वातावरण व नियमों-विनियमों का सम्मान इसमें सम्मिलित है।

•  मित्रता : मित्रता ओलम्पिक खेलों का सार व केंद्र बिंदु है। व्यक्तिगत रूप से एवं विश्व के सभी व्यक्तियों के बीच आपसी समझ व तालमेल को बढ़ावा देता है।


2.3 अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ (IOC)

ओलम्पिक खेलों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 23 जून 1894 ई. को पियरे बैरन डी. कोबरटीन के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ की स्थापना की गई। इस संघ का मुख्य उद्देश्य आंदोलन का विस्तार तथा आधुनिक ओलम्पिक खेलों का आयोजन करना था। आज अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति की आधुनिक ओलम्पिक खेलों की शासी निकाय हैं। जिसमें 1 अध्यक्ष (President), 4 उप अध्यक्ष (Vice President), 10 कार्यपालक (Executive) सदस्य होते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ का मुख्यालय (लोसाने) स्विटज़रलैंड में है। इस समिति में 103 सक्रिय सदस्य तथा 32 मानद सदस्य होते हैं। 103 सक्रिय सदस्यों में दो भारतीय हैं- श्रीमती नीता अम्बानी एवं श्री नरेंद्र बत्रा।

अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति, प्रबन्धक समितियों, खिलाड़ियों राष्ट्रीय ओलम्पिक समितियों, अंतर्राष्ट्रीय खेल संघों, तथा संयुक्त राष्ट्र जैसी अनेक संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करती है।


अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के मुख्य कार्य या भूमिका

(Functions of International Olympic Committee)

अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के कार्य या भूमिका इस प्रकार हैं - 

1. ओलम्पिक खेलों के आयोजन स्थल का निर्णय लेना।

2. खेल कार्यक्रमों के संयोजन और खेलों में मेजबान देशों का चुनाव करने के साथ-साथ नए सदस्यों का चुनाव करना।

3. प्रतियोगिताओं के लिए मौलिक नियमों का निर्धारण भी इसी समिति के द्वारा किया जाता है।

4. खेल संस्थाओं को बढ़ावा देना तथा उनकी सहायता करना।

5. खेलों में नैतिकता के साथ-साथ खेलों के माध्यम से युवाओं को शिक्षा प्रदान करने में सहायता तथा प्रोत्साहित करना ।

6. विभिन्न संस्थाओं द्वारा खिलाड़ियों के सामाजिक एवं व्यवसाय के भविष्य एवं कल्याण के प्रयासों को बढ़ावा देना।

7. ओलम्पिक आंदोलन को प्रभावित करने वाले किसी भी प्रकार के भेदभाव या पक्षपात के विरुद्ध कार्यवाही करना।

8. खेलकूद के साथ संस्कृति और शिक्षा को संयुक्त करने के प्रयासों को प्रोत्साहित करना।

9. खेलों के सभी स्तरों पर महिलाओं को आगे बढ़ाने में उनकी सहायता तथा प्रोत्साहित देना ।

10. खेलों की सुरक्षा तथा एकता को मजबूत करने के लिए कार्यवाही करना।

11. डोपिंग के विरुद्ध संघर्ष करना।

12. खेलों के विकास को प्रोत्साहित करना।

13. खिलाड़ियों तथा खेलों का राजनीतिकरण अथवा व्यापारिक शोषण न होने देना।

अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ, प्रत्येक चार वर्ष की अवधि के पश्चात् ग्रीष्मकालीन तथा शीतकालीन, विशेष ओलम्पिक खेल तथा युवा ओलम्पिक खेलों का आयोजन करता है।


2.4 भारतीय ओलम्पिक संघ (Indian Olympic Association ) 

भारतीय ओलम्पिक संघ ( वर्तमान अध्यक्ष श्री नरेंद्र बत्रा है।)

भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना सन् 1927 में हुई थी। सर दोराबाजी टाटा इस संघ के संस्थापक प्रधान व डॉ. नोहरेन महासचिव बने। सर दोराबाजी टाटा अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के प्रथम सदस्य भी नियुक्त हुए थे। भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों का चुनाव प्रत्येक चार वर्ष बाद होता है। इस समिति में एक प्रधान, 9 उप-प्रधान, 6 सह-सचिव, एक महासचिव, एक मानद कोषाध्यक्ष होता है। इसके अलावा राज्य ओलम्पिक समिति के प्रतिनिधि तथा राष्ट्रीय खेल समिति के 12 प्रतिनिधि शामिल होते हैं। कुछ समय पश्चात् सर दोराबाजी टाटा जी ने अध्यक्ष पद से त्याग-पत्र दे दिया। इसके पश्चात् पटियाला के महाराजा श्री भूपेन्द्र सिंह जी ने अध्यक्ष का पदभार संभाला।

भारतीय ओलम्पिक संघ के उद्देश्य (Objectives of IOA)

भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के उद्देश्यों एवं कार्य का वर्णन निम्नलिखित है

 1. ओलम्पिक आंदोलन को बढ़ावा देना तथा खेलों का विकास करना।

2. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति तथा भारतीय ओलम्पिक समिति के लिए नियमों तथा विनियमों को लागू करना ।

3. अगर कोई खेल संघ अशिष्ट व्यवहार करता है, तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करना। 

4. ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाली भारतीय टीमों के लिए राष्ट्रीय खेल संघ से खर्च वहन हेतु वित्तीय सहायता लेना।

5. राष्ट्र के युवाओं की शारीरिक, नैतिक व सांस्कृतिक शिक्षा को बढ़ावा देना तथा प्रोत्साहित करना ताकि युवाओं के चरित्र का विकास किया जा सके।

6. सरकारी संगठन होना तथा ओलम्पिक से संबंधित सभी विषयों पर नियंत्रण रखना। 

7. राज्य ओलम्पिक समिति तथा राष्ट्रीय खेल समिति को खेलों की स्वीकृति देना, उनकी पूरे साल की रिपोर्ट तथा खर्च आदि का विवरण जरूरी है। ये सभी सूचनाएँ भारतीय ओलम्पिक एसोशिएशन के पास जमा होनी चाहिए।

8. ओलम्पिक खेलों में भाग लेने के लिए चयनित प्रतिभागियों का नाम सुझाना। 

9. भारत सरकार तथा अन्य राष्ट्रीय संस्थाओं के बीच तालमेल बनाए रखना ।

10. राष्ट्रीय खेल संगठनों की सहायता से टीमों के चयन पर नियंत्रण रखना तथा खेलों का प्रशिक्षण देना।

11. ओलम्पिक झंडे का प्रयोग करने एवं विशेषाधिकारी की रक्षा करना ।

12. राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खेलों का आयोजन करवाना।

13. खेल प्रतियोगिताओं में जाति, धर्म, रंग तथा क्षेत्र के भेदभाव को मिटाना।

14. अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाड़ा) को लागू करना।


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