Mcqs बादल को घिरते देखा है -- नागार्जुन Hindi Antra Class 11 Chapter 17 NCERT
Class 11 Hindi Chapter 17 काव्य - बादल को घिरते देखा है -- नागार्जुन
MCQ Questions with Answer
1910 में
1911 में
1912 में
1913 में
1911
2. निम्नलिखित में से कौन सी रचना नागार्जुन की नहीं है ?
प्यासी पथराई आंखें
सतरंगी पंखों वाली
रत्नगर्भा
उर्वशी
उर्वशी
3. कस्तूरी मृग अपने पर क्यों चिढ़ता है?
उसकी नाभि में कस्तूरी है पर उसे पता नहीं
उसकी मनोकामनाएं पूरी नहीं होती
वह निश्चिंत मन वाला नहीं होता
भटकना उसकी नियति होती है
उसकी नाभि में कस्तूरी है पर उसे पता नहीं
5. "जाने दो वह कभी कल्पित था" में जाने दो किसके लिए प्रयोग हुआ है ?
कालिदास के मेघदूत के लिए
कस्तूरी मृग के लिए
कित्रर और कित्ररियो के लिए
इनमें से कोई नहीं
कालिदास के मेघदूत के लिए
6. वे मैथिली में किस नाम से लिखते थे ?
पथिक के नाम से
मुसाफिर के नाम से
यात्री के नाम से
बटोही के नाम से
पथिक के नाम
7. नागार्जुन ने किस साहित्यिक पत्रिका का संपादन किया ?
विश्वमित्र
पराग
विश्व बंधु
जन चेतना
विश्व बंधु
8. नागा अर्जुन का मूल नाम क्या था ?
वैद्यनाथ मिश्र
प्रेमनाथ मिश्र में
आलोक नाथ मिश्र
अवधेश मिश्र
वैद्यनाथ मिश्र
9. निम्न में से कौन सा पुरस्कार नागार्जुन जी को नहीं मिला ?
ज्ञानपीठ पुरस्कार
साहित्य अकादमी पुरस्कार
शिखर सम्मान
भारत भारतीय पुरस्कार
ज्ञानपीठ पुरस्कार
10. कालिदास ने गंगावतरण कहां से बताया है ?
आकाश से
स्वर्ग से
हिमालय से
शिवजी की जटाओं से
आकाश से
11. कालिदास ने किस को दूत बनाकर अलकापुरी भेजा था ?
बादलों को
पक्षी को
मृत को
कित्रर को
बादलों को
12. बादल को घिरते देखा है कविता में किस गुण की प्रधानता है ?
बादलों के विविध रूपों के चित्रण की
चित्रमयी भाषा शैली की
तत्सम शब्दावली की
हिमालय की सुंदरवन वासियों के वर्णन की
चित्रमयी भाषा शैली की
13. हिमालय पर्वत की झीलो में हंस किस लिए आते हैं ?
प्रवास के लिए
अधिवास के लिए
मैदानी इलाकों की भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए
मनोरंजन के लिए
मैदानी इलाकों की भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए
14. प्रात काल हिमालय के शिखर कैसे दिखाई दे रहे थे ?
चांदी की तरह सफेद
सोने की तरह
स्वच्छता से परिपूर्ण
वृक्षों थे युक्त
सोने की तरह
15. कुबेर कौन था ?
देवताओं का वित्त मंत्री
देवताओं का राजा
अलकापुरी का राजा
मेघ को दूत बनाकर भेजने वाला
देवताओं का वित्त मंत्री
16. हिमालय के कंधे किसे कहा गया है ?
हिमालय की चोटियों को
हिमालय की उपत्यकाओं को
हिमालय की घाटियों को
हिमालय की चोटियों के नीचे समतल भूमि को जहां पानी इकट्ठा हो जाता है
हिमालय की चोटियों के नीचे समतल भूमि को जहां पानी इकट्ठा हो जाता है
17. झंझानिल का अर्थ क्या है ?
भयंकर तूफान
मंद पवन
सुखद पवन
हिमालय पर्वत पर चलने वाली हवा
भयंकर तूफान
18. किन्नरों की आंखें कैसी हो रही है ?
नीले रंग की
सफेद
चमकदार
मदिरा के कारण लाल
मदिरा के कारण लाल
19. गिरि के शिखरों को अमन धवल क्यों कहा है?
गिरि के शिखरों पर सफेद बर्फ पड़ी हुई है
गिरी के शिकार अमन और धवल होते हैं
वहां कोई नहीं पहुंच सकता
वहां पर वातावरण शांत होता है
गिरि के शिखरों पर सफेद बर्फ पड़ी हुई है
20. किन्नरों ने किस की माला पहन रखी है ?
कमल के फूलों की
गेंदे के फूलों की
इंद्रनील की
वन के फूलों की
इंद्रनील की
21. गिरि के शिखरों पर वर्षा की बूंदे किस प्रकार गिरती हैं ?
धीरे-धीरे
बहुत तेज
बर्फ के कणों के रूप में
जल की बूंद के रूप में
बर्फ के कणों के रूप में
22. चकवा चकवी के बारे में क्या प्रचलित है ?
वह रात को इकट्ठा हो जाते हैं
वह चांद की ओर एकटक देखते रहते हैं
रात के समय में इकट्ठा नहीं रहते
वह उड़ नहीं सकते
रात के समय में इकट्ठा नहीं रहते
23. किन्नर किन्नरी यों ने अपनी कुटिया किससे बनाई है ?
मिट्टी से
भोज पत्रों से
घास से
कपड़े से
भोज पत्रों से
24. उन सभी के आसन किस से बने हैं ?
शेर की खाल से
चीते की खाल से
ऊन से
कस्तूरी मृग की खाल से
कस्तूरी मृग की खाल से
25. इन सरोवरों में हंस क्या खोजते हैं ?
मछलियां
कमल नाल के भीतर स्थित रेशे
मोती
सीप
कमल नाल के भीतर स्थित रेशे
26. चकवा चकवी का क्रंदन कब बंद हो जाता है ?
रात होने पर
दोपहर होने पर
संध्या के समय
प्रातः काल होने पर
प्रातः काल होने पर
27. कवि ने हरी-दरी किसे कहा है ?
पानी पर जमी काई को
हरी घास को
हरे पत्ते को
पर्वत की चोटियों को
पानी पर जमी काई को
28. शैवाल की हरी-भरी पर निहित अलंकार का नाम लिखिए ?
यमक
रूपक
उत्प्रेक्षा
श्लेष
रूपक
29. "शंख सरीखे सुघड़ गलों में प्रयुक्त अलंकार का नाम लिखिए ?
रूपक
उपमा
श्लेष
वक्रोक्ति
उपमा
30. किन्नर किन्नरीओं की गर्दन किसके समान सुंदर है ?
शंख के समान
सुराही के समान
मोर के समान
शतुरमुर्ग की गर्दन के समान
शंख के समान
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गद्य खंड
3. हरिशंकर परसाई -टॉर्च बेचने वाला
6. ओमप्रकाश वाल्मीकि -खानाबदोश
काव्य खंड
1. कबीर -अरे इन दोहुन राह न पाई बालम आओ हमारे गेह रे
2. सूरदास -खेलन में को काको गोसैया मुरली ताऊ गोपालहि भावति
3. पदमाकर - औरे भाँति कुजन में गुंजरत... गोकुल के कुल के गली के गोप... भौंरन को गुंजन बिहार...
4. महादेवी वर्मा - जाग तुझको दूर जाना , सब आँखों के आँसू उजले
5. नागार्जुन - बादल को घिरते देखा है
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